नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी प्रदर्शन का हिस्सा रही ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी। मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि साक्षी आंदोलन से पीछे हटकर रेलवे की नौकरी पर लौट गई हैं।
साक्षी ने ट्वीट किया, ‘ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है और ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।’
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
बजरंग पुनिया ने भी ट्वीट कर कहा कि आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं। ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।
आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं. ये खबरें हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं.
हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबर भी झूठी है.
इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी 🙏🏼 #WrestlerProtest pic.twitter.com/utShj583VZ
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) June 5, 2023
हाल ही में साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने हाल ही गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकयां दर्ज की हैं जिनमें पहली एक नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पोक्सो (बाल यौन अपराधों से संरक्षण) के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं। इसके अलावा भी पुलिस को बृजभूषण के खिलाफ 10 शिकायतें मिली है।
पहलवान इस मामले में बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर पहलवानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपने मेडल गंगा में बहाने की धमकी दी थी। वे मेडल बहाने हरिद्वार भी पहुंच गए थे लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत की अपील पर उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया था। टिकैत ने कहा था कि खाप पंचायतें उनकी लड़ाई लड़ेगी।