गुरुग्राम। साईबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटल्स पैराडाइसो सोसाइटी (Chintels Paradiso) में असुरक्षित घोषित हो चुके D, E और F टावरों में अब फ्लैट्स की रजिस्ट्री रद्द होगी। डीसी निशांत कुमार यादव की ओर से इन तीन टावरों के 180 फ्लैटों की रजिस्ट्रियां रद्द करने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है। अगले सप्ताह तक सरकार से आदेश आने की संभावना है। इसके बाद फ्लैट मालिकों को रिफंड करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
हालांकि, 10 फीसदी भुगतान करने के बाद फ्लैट मालिक बिल्डर को चाबी नहीं देना चाहते हैं। चिंटल्स सोसाइटी (Chintels Paradiso) के तीन टावरों में 180 फ्लैट हैं। इसमें बिल्डर के दो में से एक विकल्प के लिए 90 फ्लैट मालिक सहमत है। यह लोग बिल्डर से फ्लैट का रिफंड चाहतें हैं।
90 फ्लैट मालिक बिल्डर के दूसरे विकल्प जिसमें दोबारा फ्लैट का निर्माण चाहते हैं । इन्होंने बिल्डर के सामने एक हजार वर्ग फीट की दर से दोबारा निर्माण के लिए पैसा नहीं देने की शर्त रखी है। सोसाइटी वासियों की एडीसी के साथ पिछले सप्ताह बैठक हुई थी। इसमें शर्त रखी गई थी कि केवल 10 फीसदी भुगतान करने के बाद फ्लैट मालिक बिल्डर को न तो चाबी देंगे और न ही पैसा देंगे। इस मामले में निवासियो ने डीसी से हस्तक्षेप की मांग की थी।
फ्लैटों की मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं आई
टावर निवासियों ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से तीन टावरों के फ्लैटों की कीमत का दोबारा से मूल्यांकन कराया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। फ्लैट मालिक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि बिल्डर के साथ सेंटलमेंट के लिए किस आधार पर एग्रीमेंट करे। रिपोर्ट आने में देरी के कारण लोगों को राशि मिलने में बिलंब होगा। वहीं, H टावर की भी रिपोर्ट नहीं मिलने से की परेशानी बढ़ गई है। वह समझ नहीं पा रहे है कि बिल्डर से रकम मिलेगी या दोबारा से फ्लैट का निर्माण कराया जाएगा।
ये हैं बिल्डर के दो विकल्प
बता दें कि 10 फरवरी 2022 को चिंटल सोसाइटी की D टावर में हादसा होने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी ने IIT दिल्ली के विशेषज्ञों की सिफारिश के बाद D टावर को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया था। बाद में E और F टावर को भी असुरक्षित घोषित किया गया। कुछ दिन पहले G टावर भी असुरक्षित घोषित हो चुका है। बिल्डर ने फ्लैट मालिकों के सामने दो विकल्प रखे थे।
पहला विकल्प खरीदारों को पैसा वापस करने का था। दूसरा विकल्प फ्लैट के बदले फ्लैट देने का था लेकिन इसमें एक हजार रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट की दर से अतिरिक्त पैसा भी फ्लैट मालिक को देना था। अब अधिकांश फ्लैट मलिक पैसा वापस लेने पर सहमत हैं।
G टावर के लोगों ने मांगा और समय
वहीं रहने के लिए असुरक्षित घोषित होने के बाद G टावर के 35 परिवारों को 15 दिन में फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया गया था। टावर के लोगों ने डीटीपी और डीसी से फ्लैट्स खाली करने के लिए और समय मांगा है। इन लोगों ने आरोप लगाया है कि बिल्डर उन्हें सहयोग नहीं कर रहा है।