सुलतानपुर। जिले के दरियापुर वार्ड में एक आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता की दबंगई और गुंडागर्दी इन दिनों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। जिले का दरियापुर निवासी आम आदमी पार्टी (AAP) का यह दबंग नेता संदीप सिंह पुत्र राधे श्याम सिंह आये दिन शराब के नशे धुत्त में लोगों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है। विरोध करने पर लोगों के साथ मारपीट करता है और जान से मार देने की धमकी तक देता है। यही नहीं, इस दबंग नेता का अवैध सूदखोरी का व्यवसाय भी है। मजबूर और जरूरतमंद लोगों को पहले सूद पर पैसा देता है और फिर हर महीने मूल रकम का 10 फीसद ब्याज के तौर पर वसूल करता है। समय से ब्याज का भुगतान न कर पाने पर देनदारों के घर शराब के नशे में जाता है और बदसलूकी भी करता है। इसके रसूख और बड़े लोगों से पहचान होने के चलते लोग इसके खिलाफ शिकायत करने से भी डरते हैं।
सभासद चुनाव हारने के बाद नव-निर्वाचित भाजपा सभासद से की मारपीट
पिछले महीने हुए नगरपालिका चुनाव में संदीप सिंह वार्ड नंबर 9 दरियापुर से आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रत्याशी था। इस चुनाव में संदीप सिंह को महज 25 वोट मिले थे तो वहीं, विजयी रहे भाजपा (BJP) प्रत्याशी योगेश मिश्रा को 445 वोट मिले थे। चुनाव नतीजे के कुछ दिनों बाद अपनी हार से तिलमिलाए आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संदीप सिंह ने शराब के नशे में भाजपा (BJP) प्रत्याशी व नव-नियुक्त सभासद योगेश मिश्रा का कॉलर पकड़ कर मारपीट की व सभासदी ख़त्म करने और जान से मारने तक की धमकी दे डाली। जिसके बाद सभासद योगेश मिश्रा ने नगर कोतवाली और जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मामले की शिकायत की। हालांकि रसूख और जिले के बड़े लोगों से पहचान के चलते पुलिस भी दबंग नेता संदीप सिंह पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुई। और इसका नतीजा है की यह दबंग नेता आये दिन शराब के नशे में गुंडागर्दी करता रहता है।
बिना लाइसेंस अवैध रूप से करता है सूदखोरी का व्यवसाय, गुंडागर्दी करके वसूलता है देनदारों से मोटा ब्याज
जिले में अवैध रूप से सूदखोरी का व्यवसाय इन दिनों चरम पर है। दबंग नेता संदीप सिंह डंके की चोट पर सूदखोरी का अवैध कारोबार करता है। वह लोगों को ब्याज पर पैसे उधार देता है और देनदारों से हर महीना मूल रकम का 10 फीसद ब्याज वसूलता है। जो लोग समय से संदीप सिंह का ब्याज नहीं चुका पाते हैं, वह शराब के नशे में उनके घर जाता है, धमकाता है और गुंडागर्दी करके जबरन ब्याज की रकम वसूलता है। कुछ पीड़ित व्यक्ति संदीप सिंह के रसूख और दबंगई के चलते पुलिस में शिकायत तक दर्ज कराने से डरते हैं। बताया जाता है कि संदीप सिंह की बहन का पति उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत है। और संदीप सिंह पुलिस विभाग में अपनी पकड़ होने के चलते पीड़ित और देनदारों को पुलिस द्वारा फर्जी केस में फंसवाकर जेल में बंद करवाने की धमकी तक देता है।
बिना लाइसेंस अवैध है सूदखोरी का व्यवसाय, तीन वर्ष तक की सजा का है प्रावधान
उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1976 के मुताबिक साहूकारी के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जो साहूकार पंजीकृत नहीं हैं अथवा जिनके पास साहूकारी का लाइसेंस नहीं है, वो किसी भी व्यक्ति को ब्याज पर उधार या ऋण नहीं दे सकते हैं। यह लाइसेंस एक साल के लिए मिलता है और हर साल इसका रिनीवल कराना अनिवार्य होता है। इसके तहत साहूकार प्रतिभूत ऋण 14% वार्षिक ब्याज ले सकते हैं। कोई भी पंजीकृत साहूकार निर्धारित ब्याज से अधिक ब्याज की रकम वसूली नहीं कर सकता है। बिना पंजीकृत अथवा बिना लाइसेंस के सूदखोरी का काम करने वाले लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 की तहत कार्रवाई की जाती है। जिसमें सजा के प्रावधान के तौर पर तीन वर्ष का कारावास और 5 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना है।