Ajnara Panorama सोसायटी में घर खरीदारों को बिल्डर की तरफ से बैलेंस भुगतान के लिए लगातार चेतावनी के साथ रिमाइंडर दिए जा रहे हैं। भुगतान न करने पर खरीदारों पर 10 फीसद ब्याज तक की पेनाल्टी लगायी जाएगी या उनकी खरीदी गयी यूनिट को रद्द कर दिया जाएगा। खरीदारों का कहना है कि प्रोजेक्ट में देरी या जुर्माने को लेकर रेरा के आदेशों का पालन नहीं किया गया। दूसरी तरफ अथॉरिटी का आदेश है कि खरीदार बिना घरों की रजिस्ट्री के कब्जा न लें। खरीदार चाहते हैं कि यथायोग्य डिले पेनाल्टी और सोसायटी की सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के बाद ही बैलेंस का आंकलन हो। ऐसे में सोसायटी के पीड़ित घर खरीदारों की स्थिति काफी असमंजस में है। इस स्थिति में घर खरीदारों को कहीं से भी इन्साफ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।
क्या है पूरा मामला
2010 में यमुना प्राधिकरण द्वारा अजनारा बिल्डर को सेक्टर-22ए में 25 एकड़ जमीन आवंटित की गयी थी और अजनारा बिल्डर ने इस जमीन की रजिस्ट्री 2011 में करा ली। जिसके बाद इस परियोजना का नाम अजनारा पैनोरमा (Ajnara Panorama) रख दिया गया।
वर्ष 2010-11 के दौरान जब अजनारा ग्रुप ने अपने अजनारा पैनोरमा (Ajnara Panorama) प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कागज़ी घरों को खरीदारों को बेचना शुरू किया तो खरीदते समय किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा की उनके घर का ये कागज़ी सपना सिर्फ सपना ही बन कर रह जायेगा। लोगों को ड्रीम प्रोजेक्ट का सपना दिखा कर अजनारा बिल्डर ने खरीदारों से 90-100% तक एडवांस वसूल लिया। बिल्डर के प्रस्तावित समय के अनुसार 6 माह की अनुग्रह अवधि के साथ जून 2015 तक भूमि-पूजन का कार्य पूर्ण किया जाना था। साल-दर-साल बीतते गए और बिल्डर द्वारा दिखाया गया ड्रीम प्रोजेक्ट महज ड्रीम बनकर ही रह गया। बिल्डर खरीदारों को हर साल अगली होली – अगली दीवाली बोलकर टालता गया।
सितंबर 2019 में वायदे से 4 साल की देरी के बावजूद, आखिरकार बिल्डर सशर्त ओसी प्राप्त करने में कामयाब रहा जबकि भूमि का शीर्षक तक स्पष्ट नहीं था और प्रोजेक्ट में 50% तक भी काम नहीं हुआ था। खरीदारों का सब्र का बाँध टूटा और वर्ष 2021 में खरीदार कई दलीलों (खराब गुणवत्ता, पूर्ण कार्य में देरी, बुनियादी ढांचे की कमी) के साथ रेरा के पास शिकायत लेकर जाते हैं। कई ने अगले 1 साल के दौरान रेरा कोर्ट से फैसले लिए। अंततः रेरा कोर्ट ने बिल्डर को अगले 2-3 महीनों में ऑक्युपेंसी देने या एमसीएलआर + 1% देरी और ब्याज पर पैसा वापस करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2022 में रेरा के आदेश के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद बिल्डर की तरफ से रेरा के आदेशों का कोई अनुपालन नहीं किया गया तो मजबूरन कुछ खरीदारों को रेरा के आदेश को लागू कराने के लिए फिर से कोर्ट जाना पड़ा। इधर बीच बिल्डर द्वारा अपनी भूमि का पट्टा भुगतान न करने के कारण यीडा ने भूमि का पट्टा निरस्त कर दिया। जिसके चलते बिल्डर ने हाईकोर्ट का रुख किया और आंशिक राशि का भुगतान कर कोर्ट से स्टे प्राप्त किया। हालांकि काफी समय बीत जाने के बावजूद भी बिल्डर द्वारा प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है।
सितंबर 2022 के दौरान अजनारा एम्ब्रोसिया ने अजनारा इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए एनसीएलटी से संपर्क किया। दिसंबर 2022 में अजनारा के एलएंडटी लेनदार ने एनपीए का हवाला देते हुए बाहर निकलने की योजना बनाई। एक महीने के बाद यानी इसी वर्ष जनवरी में एनसीएलटी कोर्ट द्वारा नियुक्त आईआरपी और अजनारा पैनोरमा निर्माण की निगरानी करने के लिए कहा गया तो पिछले महीने यानी मई से बिल्डर ने वर्षों से अर्जित विलंब/ब्याज पर बिना किसी स्पष्टता के आगे भुगतान की मांग उठाई। आईआरपी की निगरानी वाली पीएमसी रिपोर्टें कुछ प्रगति दर्शाती हैं, लेकिन कई टावरों और विलाओं ने समयसीमा को टाल दिया है।