गौतमबुद्ध नगर। जनपद न्यायाधीश गौतमबुद्ध नगर अवनीश सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत (Lok Adalat) का आयोजन सफल रहा। इस आयोजन में जिले के सभी विभागों ने बढ़चढ़कर सहयोग करते हुए अपने-अपने विभागों को हजारों वादों को एक दिन के अंदर ही समाधान कराकर लोगों को राहत प्रदान की।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मुख्यालय व तहसील स्तर पर जनपद न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर अवनीश सक्सेना की अध्यक्षता एवं दिशा-निर्देशन में दीवानी न्यायालय गौतमबुद्धनगर में किया गया। जिसमें जनपद न्यायालय में कार्यरत न्यायिक अधिकारीगण द्वारा कुल 146252 वाद तथा प्री-लिटिगेशन स्तर पर राजस्व न्यायालय द्वारा 83713 मामले, बैंक द्वारा 272 मामलें, एनपीसीएल द्वारा 28 मामलें व यूपीपीसीएल के 1460 मामलें तथा श्रम न्यायालय द्वारा 188 मामलों का समाधान करते हुए धनराशि 13327829 प्राप्त की गई।
वहीं मनोरंजन कर विभाग द्वारा 7 मामलों का निस्तारण किया गया। पुलिस विभाग द्वारा 10555 मामलों का निस्तारण किया गया। बीएसएनएल द्वारा 83 मामलें तथा तथा यातायात विभाग द्वारा 388210 मामलों का निस्तारण हुआ। प्री-लिटिगेशन के कुल 511087 मामलें निस्तारित किए गए। अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऋचा उपाध्याय ने बताया गया कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 657899 वाद निस्तारित किए गए है।
उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान न्यायालयवार निस्तारित वादों का जानकारी देते हुए बताया कि जिला जल अवनीश सक्सेना द्वारा 24 वादों का निस्तारण किया गया। मयंक चौहान, भूमि अर्जन पुनर्वासन एंव पुर्नव्र्यवस्थापन प्राधिकरण द्वारा 9 वाद, पीठासीन अधिकारी, अतिरिक्त वाणिज्य न्यायालय द्वितीय द्वारा 15 वाद व समझौता धनराशि 20834931 रही। पीठासीन अधिकारी मोटा दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण कुनाल वेपा द्वारा 31 वाद व समझौता धनराशि 174045022 रही। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय बुद्धि सागर मिश्रा द्वारा 29 वाद। अपर जिला जज द्वितीय विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) विजय कुमार हिमाॅशु द्वारा 9 वाद तथा जुर्माना 500 रुपए। अपर जिला जज पोक्सो कोर्ट द्वितीय सौरभ द्विवेदी द्वारा 20 वाद तथा समझौता धनराशि 2291853 रुपए।
अपर जिला जज पंचम चन्द्र मोहन श्रीवास्तव द्वारा 957 वाद व जुर्माना 2850900 रुपए। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय बुशरा आदिल रिजवी द्वारा 10 वाद। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बबीता पाठक द्वारा 36238 वाद व जुर्माना धनराशि 8173870 रही। सिविल जज सीडि. मयंक त्रिपाठी द्वारा 31 वाद व समझौता धनराशि 13284488 रही। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम शिवानी त्यागी द्वारा 1685 वाद व जुर्माना धनराशि 173750। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-द्वितीय रवि कुमार सांगर द्वारा 2148 वाद व जुर्माना धनराशि 200060। अतिरिक्त सिविल जज सीडि/ऐसीजेएम-2 दिव्यकाॅन्त सिंह राठौर द्वारा 781 वाद व समझौता धनराशि 41850।
अपर सिविल जज सीडि. एफटीसी नूपुर श्रीवास्तव द्वारा 3133 वाद व जुर्माना धनराशि 137210। पीठासीन अधिकारी वर्चुअल कोर्ट रिचा शुक्ला द्वारा एक लाख चालान में जुर्माना धनराशि 407151 तथा सिविल जज जूडि. द्वारा 49 वाद। सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) जेवर नाजिम अकबर द्वारा 217 वाद व जुर्माना धनराशि 28960। विशेष न्यायाधीश न्यायालय एनआई एक्ट राजेन्द्र कुमार-तृतीय द्वारा 52 वाद व समझौता धनराशि 17158473। अतिरिक्त न्यायालय-1 प्रदीप कुमार कंसल के द्वारा 170 वाद व 1780000 समझौता धनराशि। अतिरिक्त न्यायालय संख्या-2 नलिन काॅत त्यागी द्वारा 245 वाद व 38951272 समझौता धनराशि। अतिरिक्त न्यायालय-3 विजय कुमार अग्रवाल के द्वारा 323 वाद व समझौता धनराशि 41200000। पीठासीन अधिकारी जिला उपभोक्ता न्यायालय अनिल कुमार द्वारा 40 वाद व समझौता धनराशि 13852481।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2776 मामलें, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 560 मामलें तथा यमुना प्राधिकरण द्वारा 34 मामलों का निस्तारण किया गया। वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत में पुलिस विभाग से संबंधी 6456 मामलों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार आदि समस्त विभागों से प्राप्त विवरण के अनुसार राजस्व के 83713 वाद निस्तारित हुए।
उन्होंने बताया कि लोक अदालत द्वारा जारी किए गए फैसले को दीवानी अदालत की डिक्री का दर्जा प्राप्त होता है। यह फैसले बाध्यकारी होते हैं और इनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती।