आईपीएस धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) को बतौर पुलिस अधीक्षक फतेहपुर की कमान दी गयी है। इससे पहले धवल जायसवाल कुशीनगर जनपद के एसपी थे। बीते माह धवल जायसवाल ने उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में अपना पदभार ग्रहण किया। बेहतर कानून व्यवस्था और जनता के सरोकार से जुड़े धवल अपने कामों के लिए हमेशा जाने जाते हैं। धवल जायसवाल हमेशा से ही मेधावी छात्र रहे हैं। धवल अपने स्कूली दिनों में उनके साथ पढ़ने वाले सभी साथियों के लिए भी हमेशा से एक प्रेरणास्त्रोत रहे हैं।
सुलतानपुर में जन्म, प्रयागराज में पढ़ाई और दिल्ली से गोल्ड मेडलिस्ट
धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) मूल रूप से उत्तर उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के रहने वाले हैं। 37 वर्षीय धवल जायसवाल के पिता का नाम नंद किशोर जायसवाल है। बचपन से ही पढ़ने में मेधावी रहे धवल की शुरुआती शिक्षा सुलतानपुर जिले के सरस्वती विद्या मंदिर में ही हुई और उसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2004 से 2007 तक बीए किया।
जानकारी के मुताबिक प्रयागराज के बाद धवल जायसवाल दिल्ली के जेएनयू पहुंच गए और वहां से एमए की डिग्री ली। स्नातकोत्तर करने के बाद इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल किया। बताया जाता है कि जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय में धवल गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।
पढ़ाई में टॉपर रहने की वजह से धवल जायसवाल को दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिल गई। अध्यापन के साथ ही इन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। साल 2016 में आईपीएस अफसर बने और यूपी कैडर मिला। जानकारी के मुताबिक धवल ने 2017 में भी सिविल की परीक्षा दी थी जिसमें भी इनको आईपीएस ही मिला था।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) को पहली पोस्टिंग प्रयागराज में मिली और गंगा पार का एएसपी बना दिया गया। प्रयागराज के बाद चित्रकूट के एसपी बनाए गए और उसके बाद कुशीनगर के कप्तान बने फिर मौजूदा समय में फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्ति है।
चित्रकूट में शुरू की थी “जनसुनवाई आपके द्वार”
साल 2016 बैच के आईपीएस धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) ने चित्रकूट एसपी बनने के बाद एक नई पहल शुरू की थी जो कि “जनसुनवाई आपके द्वार” के नाम से थी। इस अनूठी पहल का मकसद था कि मुख्यालय या दूर के फरियादियों को पुलिस से मिलने के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। घर बैठ कर पुलिस अधीक्षक और आला अधिकारियों से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क कर पूरी बात बताना और साक्ष्य दिखना। धवल जायसवाल ने इसके अलावा भी एक ऐसी व्यवस्था की थी जिन फरियादियों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं उन्हें नजदीक के थाने में हेल्प डेस्क के माध्यम से वीडियो कॉल कराई जाए। इस नई पहल से लोगों का समय भी बचता था और उनका समाधान भी त्वरित होता था।
प्लेटिनम शौर्य मेडल से हो चुके हैं सम्मानित
आईपीएस धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) की कार्यशैली और बेहतर पुलिसिंग के लिए उन्हें कुशीनगर में 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर डीजीपी ने प्लेटिनम शौर्य मेडल से सम्मानित किया था। गोरखपुर परिक्षेत्र में अपराधों पर नियंत्रण लगाने और वीरता के आधार पर 36 मुठभेड़ कर बदमाशों को दबोचने के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया था। इससे पहले सिल्वर और गोल्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
ट्रैक्टर पर बैठकर बाढ़ ग्रस्त इलाके का किया दौरा
आईपीएस धवल जायसवाल जिस जिले में जाते हैं उनकी कार्यकुशलता से लोग प्रभावित हो जाते हैं। प्रयागराज चित्रकूट से लेकर कुशीनगर में उनके बेहतर काम को लोगों ने खूब सराहा। जनपद कुशीनगर में उनका फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए कोई संसाधन नहीं था तो धवल जायसवाल एक किसान के साथ ट्रैक्टर में बैठकर निकल पड़े थे।
मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में छात्र करते हैं बेहद पसंद
आईपीएस धवल जायसवाल को मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में छात्र बेहद पसंद करते हैं। हिंदी मीडियम के छात्र रहे धवल का एक शिक्षक में रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन रहा। छात्रों से जब भी मुलाकात होती है तो वो उन्हें कहते हैं कि यूपीएससी पास करने के लिए कोई शार्टकट नहीं होता। सही दिशा में योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने वाला ही विजय पाता है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि लक्ष्य क्लियर होना बेहद जरूरी है इसके बिना आपको सफलता नहीं मिल सकती है।